किन्नर समाज के उत्थान और उनके सामाजिक स्थिति में सुधार हेतु प्रयासरत वैशाली पंडित

✍️ अनित सिंह

आज भी हमारे देश में किन्नर समाज को जो दर्जा और सम्मान मिलना चाहिए उससे वो कोसों दूर है। उनके साथ आज भी भेदभाव पूर्ण रवैया जारी है। भारत की सन 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे भारत में लगभग 5 लाख किन्नर हैं और अब दशक के बाद इसमें काफी बढ़ोतरी भी हुई होगी। थर्ड जेंडर को अब तक सामाजिक और पारिवारिक सहयोग पूर्ण रूप से नहीं मिल पाया है। अपनी आजीविका आज भी ये नाच-गाकर या लोगो से पैसे मांग कर ही चलाते हैं। इन्हें प्रयाप्त सुविधाएं प्रदान कर इनकी समस्याओं का निदान होना चाहिए। इनके लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्था में नौकरी में भी प्रावधान होनी चाहिए। जो हक महिला-पुरुष को प्राप्त है, वैसा ही हक इस समाज को भी मिलना चाहिए। उनकी अपनी दुनिया है। भागदौड़भरी दुनिया में सरकार उनकी समस्याओं को प्रायः अनदेखा ही करती आई है। इस समाज के अस्तित्व, उत्थान और समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षो से किन्नर वैशाली पंडित जी बढ़चढ़ कर कार्य करती आ रही है। जब हमने उनसे उनके और उनके समाज के बारे में जानना चाहा की आखिर सरकार से आप क्या अपेक्षा रखती है, तो उन्होंने बड़े ही विस्तृत रूप से हमे बताया कि….

वो (किन्नर), अपने सभ्य समाज, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, से अपील करना चाहती है की माननीय उच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) द्वारा आदेश के अनुसार ट्रांसजेंडर समाज को तीसरे लिंग का दर्जा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट और संविधान के अनुसार किन्नर समाज को महिला और पुरुष जैसे समान अधिकार, सुरक्षा, सरकारी सुविधाएं, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, ये सभी सुविधाएं दी जानी चाहिए, लेकिन आज भी सरकारें विफल हैं।

किन्नर समाज को ये सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए आज संगठित हो आवाज उठाने की आवश्यकता है। वैशाली जी एक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट के रूप में आवाज बुलंद करती रही है और आज भी उन्होंने अपने साथियों, दोस्तों से अपील की है कि आप शिक्षित बनें, मैं अपील करना चाहती हूं कि सरकार से कि हमारे किन्नर समाज को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सभी सरकारी सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि समाज में बदलाव आए और हम एक नया कीर्तिमान स्थापित करें। अभी तक सोशल मीडिया एक्टिविस्ट के रूप कार्य कर रही वैशाली जल्द जमीनी स्तर पर भी काम शुरू करेंगी। इसके लिए उन्होंने एक संस्था किन्नर एकता मंच के नाम से बनाई है जिससे अपने समाज के लोगों के अधिकार, उनके उत्थान, और समस्याओं को लेकर काम करेंगी।

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