बजट पर किया कटाक्ष, तो पूर्व भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी को लोग कहने लगे भला बुरा, फिर कुणाल ने दिया करारा जवाब
आज केंद्रीय बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। जिसमें मिडिल क्लास को अनदेखा के साथ झारखंड को भी कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया, जिस पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने स्पष्ट शब्दों में किया निंदा। हमेशा की तरह स्पष्टता के साथ अपनी बात रखने पर कुछ भाजपा के समर्थको ने उनसे कहा कि उन्होंने भाजपा छोड़ दी तो केंद्र सरकार के खिलाफ बोल रहा हूँ।
इस पर कुणाल ने कहा कि बहुत सीधी सी बात है भाईः
किसी व्यक्ति या पार्टी की नौकरी या ग़ुलामी करनी होती तो विदेशों की नौकरी या ज़िंदगी छोड़कर राजनीति में नहीं आता।
मेरा अंधों वाला समर्थन या अंधों वाला विरोध कभी भी किसी पार्टी या व्यक्ति का नहीं रहा बल्कि डंके की चोट पर सिर्फ़ जनता से जुड़े मुद्दों पर रहा है अगर भाजपा में अपने और मेरे सहयोगियो के सम्मान पर लगातार होती चोट के खिलाफ आवाज बुलंद करने की जगह पद पाने के लिए किसी भी स्तर तक जाने, और चापलूसी के गुण और गणेश परिक्रमा करने की राह पकडा रहता तो फिर अंध भक्ति का ऑप्शन सबसे सही होता मेरे भाईयों।
मुझे यह स्वीकार में कोई झिझक नहीं कि भारत वर्ष के करोड़ों लोगों की तरह मुझसे भी इस दिग्भ्रमित करने वाले मुखौटे को समझने में गलती (Don’t Judge the book by its cover) हुई कि यहाँ पर मेहनत व विकास की सोच को सम्मान नहीं मिलता है और न वास्तविकता में राष्ट्रीय सोच के साथ काम होता है बल्कि किसी एक व्यक्ति को भगवान बनाकर उसकी ग़लत व सही सभी नीतियों का समर्थन करके, मुख्य ज़मीनी मुद्दों से ध्यान भटकाकर जाति व धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाकर चुनाव जीतने और संगठन मे गुटबाजी व भीतरघात करने वालो का गुणगान करके आगे बढने को प्राथमिकता दी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी अब इनके ठेले पर अपना नाम लिखना जैसे बिना सर पैर वाली हरकतों पर प्रहार करना शुरू कर दिया है। स्व घोषित वाशिंग मशीन जिसमें ‘हम करें तो रास लीला वो नहीं भी करें तो भी केरेक्टर ढीला’ वाली कहावत चरितार्थ होती हो पर से इस बार जब पर्दा हटा और पोस्टर फटा तो असलियत बाहर आ गई। पेपर लीक जैसे युवाओं से जुड़े मुद्दों पर भी चुप्पी साध जाना आपराधिक है।
हर व्यक्ति से गलती हो सकती है। अगर उस समय दिगभ्रमित होकर गलती करना मेरी स्वाधीनता थी तो उस गलती को सुधारने की दिशा में पूरी कोशिश करने की भी मेरी स्वाधीनता है।
आज चंद्रशेखर आजाद जी की जयंती है तो उनके जीवन की सबसे बडी प्रेरणा यही मिलती है – #आजादथाआजादहूँआजादरहूँगा ! #जयहिंद #जय_झारखंड ❤️