झारखंड राज्य में दलितों को नही मिल रहा संरक्षण – कमला देवी पाटले

रांची : भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा की झारखण्ड प्रदेश प्रभारी कमला देवी पाटले ने बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में झारखंड की हेमंत सरकार को घेरते हुए कहा कि झारखण्ड राज्य के दलितों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। समाचार पत्रों और मीडिया के माध्यम से समय समय पर राज्य के दलितों पर हो रहे अत्याचार की सूचना देश दुनिया को मिलती रहती है। जब से राज्य में हेमंत सोरेन वाली महागठबंधन की सरकार आयी है तब से राज्य की लचर विधि व्यवस्था, महिला सुरक्षा पर सवाल, दलितों की जमीन लूट, युवाओं के साथ छल, दलितों के साथ मारपीट जैसी घटनाएं आम हो गयी है। उक्त बातें

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हाल में ही चिरुडीह की घटना मीडिया के माध्यम से पूरे देश तक पहुंची है। चिरूडीह में जिस तरह से विशेष समुदाय (अल्पसंख्यक) के लोगों ने 6 दलित परिवार को घर से बेघर कर दिया। यह घटना न सिर्फ दलितों पर अन्याय है बल्कि अमानवीय भी है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी सरकार ने पीड़ित परिवार की सुध तक नहीं ली। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा ने इसे अपने संज्ञान में लेते हुए पीड़ित दलित परिवार के साथ खड़ी हुई और एक लंबी लड़ाई लड़ते हुए मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक पहुंचाया। मोर्चा की पहल पर ही आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और जिला प्रशासन को सुरक्षित उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का निर्देश दिया। साथ ही आयोग ने आरोपियों की 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने का भी निर्देश दिया। लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी आज तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। जो राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है। 

उन्होंने बताया कि इसी तरह की एक घटना चाईबासा के मझगांव में भी हुआ। जब अल्पसंख्य समुदाय के लोगों ने अकारण दलित परिवार पर अचानक हमला कर उनके साथ मारपीट की। घटना के बाद जब पीड़ित परिवार पुलिस से गुहार लगाने पहुंची तो पुलिस पूरे मामले को रफा- दफा करने का प्रायस करती रही। इस घटना में भी अनुसूचित जाति मोर्चा ने लड़ाई लड़ते हुए मामले को राज्य सरकार और राज्यपाल तक पहुंचाया। लेकिन अभी तक इस घटना में भी किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। 

कमला देवी पाटले ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में बरहेट थाना प्रभारी हरीश पाठक ने एक युवती को सरेआम पीटा। जब इस घटना की जानकारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा को हुई तो पूरे राज्य में पीड़ित युवती के इंसाफ के लिए आन्दोलन किया गया। जिसके बाद आरोपी थाना प्रभारी को मात्र निलंबित किया गया। 

संवाददाता सम्मेलन में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने साहेबगंज की एक दलित महिला की जमीन लूट कर उस पर आलिशान बंगला बनवा लिया। इस मामले में भी मोर्चा के तरफ से कई आन्दोलन किये गये। भाजपा विधायक दल के नेता बाबुलाल मरांडी ने भी इस मामले को गंभीरता से उठाया लेकिन सत्ता के नशे में चूर हेमंत सरकार ने किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। 

उन्होंने कहा कि राज्य में भूख और ठंढ़ से लगातार दलितों की मौत होती रही है। लेकिन सरकार के तरफ से कोई ठोस रणनीति नहीं तैयार की गयी और न ही पीड़ित परिवार को कोई मदद दी गयी। बोकारो जिला के कसमार के भूखल घासी की मौत भूख से हो गयी। इस विषय पर विधान सभा में भी सवाल उठाया गया और कई बार प्रदर्शन किया। लेकिन सदन के अंदर सरकार के आश्वासन के बाद भी भूखल घासी के दो बच्चों की मौत भी छह महीने के अंदर हो गयी। लेकिन आज तक पीड़ित परिवार को कोई मदद नहीं दी गयी। वहीं बोकारो जिला के ही नवाडीह प्रखंड में एक दलित व्यक्ति की मौत ठंढ़ से हो गयी। लेकिन जिला प्रशासन ने एक कंबल तक पीड़ित परिवार को नही दिया। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़त परिवार को कंबल दिया और जिला प्रशासन से उन्हें अविलंब सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कही। लेकिन आज तक पीड़ित परिवार को कोई भी योजना जिला प्रशासन के तरफ से नहीं दी गयी है। 

उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं हैं जो राज्य में अक्सर घटती रहती है। लेकिन सरकार सिर्फ जमीन लूट और दलितों को दबाने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी सिर्फ ट्रांस्फर पोस्टिंग के जरिये अपनी तिजोरी भरने का काम कर रही है। राज्य में महिला सुरक्षा हासिये पर है। ढ़ेढ़ वर्ष में सबसे अधिक महिला उत्पीड़न और बलात्कार की घटना दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ घटी है। राज्य में विधि व्यवस्था ऐसी है कि दिनदहाड़े पुलिस, वकील, जज जैसे लोगों की हत्या हो जाती है और सरकार एक आरोपी तक को गिरफ्तार नहीं कर पाती है। ऐसे मे आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है। 

झारखंड प्रदेश प्रभारी ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसूचित जाति छात्रों के लिए महात्वाकांक्षी योजना पोस्ट मैट्रीक छात्रवृति योजना की राशि को कई गुणा बढ़ाया। ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा में कोई दिक्कत न हो। लेकिन राज्य सरकार इस महात्वाकांक्षी योजना को राज्य में लागु नहीं होने दे रही है। जिस कारण राज्य के अनुसूचित जाति छात्रों को शिक्षा ग्रहण में काफी परेशानी हो रही है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रति वर्ष अनुसूचित जनजाति के 10 छात्रों को विदेश में पढ़ाई करने की योजना तैयार की है जिसका स्वागत भाजपा करती है। साथ ही मोर्चा के तरफ से सरकार से यह लगातार मांग भी की जाती रही है कि अनुसूचित जाति के 10 छात्रों को भी विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने की योजना तैयार करें। लेकिन राज्य सरकार दलित छात्रों के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रही है। 

उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 80 करोड़ जनता को मुफ्त में अनाज दिया और आज सभी देशवासियों को मुफ्त में कोरोना का टीका लगवा रही है। लेकिन झारखण्ड सरकार अपने लोगों को मुफ्त में कफन देने की घोषणा की। जो राज्य सरकार की बीमार मानसिकता को दर्शाता है। 

उन्होंने कहा कि आज राज्य में दलितों को संरक्षण नहीं मिल रहा है। सरकार के उदाशीन रवैये के कारण आज दलित, महिला, युवा, किसान सभी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

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