JSSC नियुक्ति नियमावली में संशोधन को लेकर पलामू के युवाओं ने शुरू किया “एक नागरिक, एक आवेदन” मुहिम
पलामू: झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति नियमावली में संशोधन एवम हिन्दी को चयनित क्षेत्रिय/जनजातीय भाषा श्रेणी में शामिल करने हेतु पलामू प्रमण्डल के युवाओं द्वारा व्यापक स्तर पर मुख्यमंत्री को आवेदन भेजो अभियान की आज शुरुआत हुई। सामाजिक कार्यकर्ता सन्नी शुक्ला और उनकी टीम की अगुवाई में ‘एक नागरिक, एक आवेदन‘ के तहत हजारों विद्यार्थियों एवम अभिभावकों से आवेदन-पत्र लिखवा कर मुख्यमंत्री को भेजने की आंदोलन की शुरुआत हुई। मौके पर उपस्थित पलामू के शिक्षाविद राहुल चतुर्वेदी ने कहा ‘सरकार ने जितनी भी भाषाओं को जेएसएससी में क्षेत्रीय श्रेणी में शामिल किया है, उनमें से पलामू प्रमण्डल के विद्यार्थी किसी को भाषा की पढ़ाई नहीं करते हैं, यहां के विद्यार्थियों की मातृ और क्षेत्रीय भाषा सिर्फ हिंदी है। सरकार ने यहाँ के विद्यार्थियों के साथ हिन्दी को हटा कर अन्याय किया है।’
वहीं सन्नी शुक्ला ने कहा कि हमारी टीम हजारों विद्यार्थियों द्वारा हस्तरचित आवेदन-पत्र मुख्यमंत्री जी को सौंप उन्हें अवगत कराएगी की यहां के विद्यार्थी इस निर्णय से खुश नहीं हैं। हिंदी को क्षेत्रिय भाषा की श्रेणी में डाले बिना उनका जेएससीसी में चयन नामुमकिन है। विद्यार्थी देवानन्द भारद्वाज ने कहा ‘पलामू प्रमण्डल के विद्यार्थी कल्पना भी नहीं सकते कि दूसरी भाषाओं में एग्जाम भी दिया जा सकता है। जिस भाषा को पढा ही नहीं उसमें आखिर एग्जाम कैसे दे सकते हैं?’
रणधीर, सिद्धार्थ, अनु दुबे, पूनम, मनीषा, निधि, आयशा एवं अन्य अभ्यर्थियों ने अभियान के समर्थन में मौके पर आवेदन-पत्र मुख्यमंत्री को भेजकर किया।
दूसरी ओर विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी इस मुद्दे को जोरदार रूप से उठाया है, आज भवनाथपुर के भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने भी मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख भेजा है जिसमे इस बात का जिक्र है और शाही ने साफ साफ कहा है कि किसानो के बाद राज्य के नौजवान सरकार के निशाने पर है। अगर हिंदी को शामिल नहीं किया गया तो राज्य में गृह युद्ध जैसे हालात होंगे। उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि नई नियोजन नीति में कई विसंगति है जिसे सुधार करना अति आवश्यक है।