संसार में रहते हुए भी ईश्वर के साथ एकात्मता: लाहिड़ी महाशय का प्रेरणास्पद जीवन
“बनत बनत बन जाए” — एक एक कदम चलते हुए, लक्ष्य को पाना।लाहिड़ी महाशय ने इन सरल, किन्तु गहन शब्दों...
“बनत बनत बन जाए” — एक एक कदम चलते हुए, लक्ष्य को पाना।लाहिड़ी महाशय ने इन सरल, किन्तु गहन शब्दों...
“पौराणिक कथाओं में जिस प्रकार गंगा ने स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरकर अपने तृषातुर भक्त भागीरथ को अपने दिव्य जल...
“योगावतार” के रूप में अत्यन्त सम्मानित, सुप्रसिद्ध सन्त श्री श्री लाहिड़ी महाशय ने संसार को क्रियायोग की एक स्थायी विरासत...
“ईश्वर साक्षात्कार आत्मप्रयास से संभव है, वह किसी धार्मिक विश्वास या किसी ब्रह्माण्ड नायक की मनमानी इच्छा-अनिच्छा पर निर्भर नहीं...