झारखंड के बहादुर पत्रकार भी हुए ‘जासूसी सॉफ्टवेयर- पेगासस’ के शिकार। उनके साथ हुए अत्याचार के विरुद्ध खड़े होने का समय :-डॉ अजय कुमार
✍️ अनित कुमार सिंह
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जमशेदपुर के पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झारखंड में आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले पत्रकार को भी केंद्र सरकार ने निशाना बनाया है। जिसमें रामगढ़ जिले के निवासी, पत्रकार रूपेश कुमार सिंह और उनकी धर्मपत्नी इप्सा सताक्षी भी इस ‘जासूसी सॉफ्टवेयर’ साजिश के शिकार हुए थे।
डॉ अजय ने कहा कि रूपेश कुमार सिंह ने गिरिडीह में पारसनाथ पर्वत पर गरीब आदिवासी मोतीलाल बस्के के फर्जी मुठभेड़ के बारे में लिखा था, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा में सवाल उठाए गए थे और झारखंड में भी एक बड़ा आंदोलन हुआ था और इस वजह से रूपेश कुमार सिंह के फोन को सरकार ने निगरानी में रखा और यूएपीए (UAPA) एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं कल मंगलवार को पता चला कि रूपेश जी की धर्मपत्नी इप्सा सताक्षी का भी नाम उन लोगों में शामिल है जिनकी जासूसी पेगासस स्पाई वेयर के जरिए हुई है। सच्ची और जमीनी पत्रकारिता करने वाले रूपेश के कारण उनकी पत्नी को भी सर्विलांस पर रखा गया था।
ज्ञात हो कि “द वायर” की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में झारखंड पुलिस द्वारा एक निर्दोष आदिवासी व्यक्ति की हत्या की सूचना देने के कुछ महीने बाद रूपेश से संबंधित तीन फोन नंबर ‘जासूसी सॉफ्टवेयर’ के डेटाबेस में सामने आए थे।
डॉ अजय ने कहा कि हमारे पत्रकारों का काम कभी भी आसान नहीं रहा है, सच्चाई को उजागर करते हुए उन्हें विभिन्न चुनौतियों और दबावों से गुजरना पड़ता है। देश भर में हमारे पत्रकारों पर इस तरह के अत्याचारों के विरुद्ध खड़े होने का समय आ गया है।
डॉ अजय कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री से पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को इन मानसिक प्रताड़नाओं के लिए 10 लाख के मुआवजे का भी अनुरोध किया।