बांग्लादेश बॉर्डर से घुसपैठ रोकना किसकी जिम्मेदारी है? केन्द्र की या राज्य की? :- चंपई सोरेन, झामुमो

झारखंड में 2024 लोकसभा/ विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है, खास तौर पर भाजपा ने अभी से यहां अपनी रणनीति शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों में भाजपा के दो बड़े नेताओं सहित अन्य केंद्रीय नेता यहां पहुंच रहे और सभा को संबोधित कर रहे हैं। हाल ही में वसुंधरा राजे सिंधिया देवघर आई थी और आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गिरिडीह में एक विशाल सभा को संबोधित किये। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी समेत अन्य नेता संथाल परगना में बांगलादेशी घुसपैठ से डेमोग्राफी में परिवर्तन को लेकर हेमंत सरकार को घेरती आ रही है। भाजपा नेताओं के आगमन और बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झामुमो के उपाध्यक्ष एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा नेताओं को मणिपुर की सुध लेनी चाहिए, वहां के हालात बेकाबू है पर वो चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर राजनीति कर रहे इन भाजपा नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि बांग्लादेश बॉर्डर से घुसपैठ रोकना किसकी जिम्मेदारी है? केन्द्र की या राज्य की?

अगर केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सुरक्षा एजेंसियाँ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर चौकीदारी करने में नाकाम हैं, तो यह किसकी विफलता है? इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
हाल के दिनों में राज्य में लॉ एंड आर्डर, अवैध खनन, जमीन हेराफेरी, बिजली व्यवस्था और बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भाजपा लगातार हेमंत सरकार को घेरती आ रही और झामुमो भी उसका माकूल जवाब देने में पीछे नही, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का यह हमला उसका एक उदाहरण है।

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