भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड सरकार के द्वारा दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इन्वेस्टर्स समिट को एक बड़ा छलावा करार दिया।
प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सिर्फ गोल पोस्ट बदलकर ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रतिपक्ष के नेता की हैसियत से बाहर से बड़े औद्योगिक घरानों को बुलाने का विरोध किया था। लेकिन सत्ता में आते ही उनका नजरिया बदल गया।
प्रतुल ने कहा कि झारखंड में विधि व्यवस्था की स्थिति पूरे तरीके से चौपट है। पिछले 20 महीने में नक्सलियों के द्वारा रिकॉर्ड संख्या में खनन साइट, ट्रांसपोर्टिंग साइट और औद्योगिक इकाइयों पर हमले किए गए। शहरी क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोहों का बोलबाला है। प्रदेश में हजारों की संख्या में छोटे और कुटीर उद्योग बंद पड़े है। राज्य सरकार इन को पुनर्जीवित करने की कोई योजना नहीं ला रही।
कहा कि भाजपा के शासन काल में लगाया गया पूर्वी क्षेत्र का सबसे बड़ा टैक्सटाइल कंपनी ओरिएंट क्राफ्ट सरकार की उदासीनता के कारण बंद हो गया।सरकार ने करार से पलटते हुए ओरियंट क्राफ्ट को टेक्सटाइल सब्सिडी नहीं दी थी।
ऐसे दर्जनों उदाहरण है जब मौजूदा सरकार की उदासीनता के कारण बाहर से आयी कंपनियों ने राज्य से अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया।
प्रतुल ने कहा कि दरअसल राज्य सरकार घरेलू फ्रंट में हर मोर्चे पर नाकाम रही है।बेरोजगार,युवाओं किसानों और उद्योगों को किए गए सारे वादे झूठे निकले। ऐसे में सरकार ऐसे आयोजनों के जरिए जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है।
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