“बनत बनत बन जाए” — एक एक कदम चलते हुए, लक्ष्य को पाना।लाहिड़ी महाशय ने इन सरल, किन्तु गहन शब्दों…
“पौराणिक कथाओं में जिस प्रकार गंगा ने स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरकर अपने तृषातुर भक्त भागीरथ को अपने दिव्य जल…
“योगावतार” के रूप में अत्यन्त सम्मानित, सुप्रसिद्ध सन्त श्री श्री लाहिड़ी महाशय ने संसार को क्रियायोग की एक स्थायी विरासत…
तपस्विभ्योऽधिको योगी, ज्ञानिभ्योऽपि मतोऽधिकः । कर्मिभ्यश्चाधिको योगी, तस्माद्योगी भवार्जुन ।।(योगी को शरीर पर नियन्त्रण करने वाले तपस्वियों, ज्ञान के पथ…