✍️ Anit Kumar Singh
रविवार को #T20WorldCup में पाकिस्तान से मिली हार के बाद भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। लोग भद्दी भद्दी गालियां दे रहे, ऑनलाइन अटैक कर रहे। आखिर उसकी मुख्य वजह क्या है? उनका प्रदर्शन या उनका धर्म? किस आधार पर उन्हे मैच का मुजरिम करार दे रहे लोग? भुवनेश्वर कुमार तो लय में भी नही थे, रोहित शर्मा तो बॉल भी नही देख सके सही से, वॉर्म अप मैच में बवाल मचा देने वाले राहुल की गिल्लियां उड़ गई।
मैच में तो ग्यारह खिलाड़ी खेले थे, यह व्यक्तिगत स्पर्धा वाला तो गेम है नही, यह तो टीम स्पर्धा है। कल के मैच में भारत की ओर से एक दो खिलाड़ी छोड़ सभी फ्लॉप रहे, फिर सिर्फ एक पर ठीकरा फोड़ना, और शमी को कसूरवार ठहराना कहां तक जायज है।
ट्रॉलर्स द्वारा लगातार अटैक किए जाने के बाद हजारों लोग शमी के समर्थन में भी आ गए है।
ट्विटर पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत बड़े-बड़े खिलाड़ी, नेता, पत्रकार एवं अन्य लोग उनके समर्थन में खड़े नजर आए और ट्वीट कर उनके साथ होने का उनके खेल और प्रदर्शन की सराहना की है।
क्या आपकी नजरों में भी शमी ही मैच हारने के जिम्मेदार है ?
आखिर हम खेल को खेल के नजरिए से कब देखना शुरु करेंगे? जब हमारी टीम जीतती है तो हम सारे उनके गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, उन्हें सिर आंखों पर बिठाते हैं और बस एक हार में हम आप अपना आपा खो दे रहे हैं, क्या यह सही है।
हर खेल में जीत हार लगी रहती है, एक टीम जीतता है तो दूसरी टीम हारती है। हारने के बाद हर टीम, हर एक खिलाड़ी, अपनी गलतियों से सीखता है, हर एक विशेष पहलुओं पर ध्यान देता है और फिर से जीतने की कोशिश में लग जाता है। कल का दिन भी एक वैसा ही दिन था जब भारतीय क्रिकेट टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। न हीं टॉस जीती, ना अच्छी बल्लेबाजी रही और ना ही गेंदबाज़ी में कोई चमत्कार कर पाए, पर इसका मतलब यह नहीं कि किसी एक खिलाड़ी को टारगेट कर उसका कोप भाजन बना ले उसे जिम्मेदार ठहराया जाए उसे गालियां दी जाए।
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