भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने साहेबगंज के तालझारी थाने में देबू तुरी नामक एक दलित व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में मौत और डोमचांच थाना क्षेत्र में एक दलित छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म को लेकर पुलिस और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में देबू की मौत काफी दुखद और शर्मनाक है। साथ ही पुलिस की बर्बरता का एक स्याह चेहरा भी। जब रक्षक ही भक्षक की भूमिका निभाने लगे, उस राज्य में न्याय की उम्मीद ही बेमानी है।
उन्होंने कहा कि पुलिस चोरी के आरोप में देबू को पिछले 4 दिनों से टॉर्चर कर रही थी और पुलिस द्वारा उस पर जबरदस्ती जुर्म कबूल करने का दबाव बनाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। नियमानुसार किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है। फिर किसकी इजाजत से देबू को 4 दिनों तक हिरासत में रखा गया। पुलिस पिटाई से देबू की मौत राज्य पर एक काला धब्बा है। सरकार के संरक्षण में पूरे प्रदेश में कानून का मखौल उड़ाया जा रहा है। किसी अधिकारी को कानून का कोई डर ही नहीं है। पुलिस द्वारा इस प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग करती है। पीड़ित परिवार को भी राज्य सरकार से उचित सहायता प्रदान करने की जरूरत है।
वहीं दीपक प्रकाश ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में दलित समाज तनिक भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस कस्टडी में एक दलित व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है तो डोमचांच में नवमी कक्षा की एक दलित छात्रा को दुष्कर्म के बाद कुएं में फेंक दिया जाता है। इस मामले के सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित हो।
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